बलिया। स्कूलों में दोपहर भोजन पकाने के लिए रसोई गैस का इस्तेमाल किया जाना है लेेकिन तमाम स्कूलों में लकड़ी पर दोपहर भोजन पकाया जा रहा है और स्कूल में धुआं उठता रहता है। बेरुआरबारी शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय शिवरामपट्टी में पारंपरिक चूल्हे पर भोजन पकाने का मामला सामने आने पर बीएसए ने प्रकरण की जांच करे कार्रवाई करने की बात कही है।
पहले
स्कूलों में दोपहर भोजन पारंपरिक चूल्हे पर ही बनाया जाता था। स्कूल में
धुआं भरने से पढ़ाई में मुश्किल होती थी। इसको देखते हुए शासन ने सभी
स्कूलों में गैस सिलिंडर और चूल्हे की व्यवस्था की। दुर्भाग्य यह कि जिस
जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रसोई को धुएं से मुक्त करने के लिए
उज्ज्वला योजना की शुरुआत की उसी जिले के प्राथमिक विद्यालयों में ईंटों के
चूल्हे लकड़ी से मिड-डे मील बनाया जा रहा है। प्राथमिक विद्यालय शिवराम
पट्टी में गैस का चूल्हा नहीं होने के कारण रसोइया को लकड़ी और सूखे पत्ते
जलाकर दोपहर भोजन बनाना पड़ रहा है। रसोइया जमुनी ने बताया कि विद्यालय पर
गैस सिलेंडर व चूल्हा ही नहीं है। पिछले 15 वर्षों से विद्यालय पर ऐसे ही
मिट्टी के चूल्हे पर ही भोजन पकाया जा रहा है। सहायक अध्यापिका रितु सिंह
ने बताया कि रसोई गैस के लिए कई बार अधिकारियों से कहा गया। गैस कनेक्शन के
लिए आवेदन किया गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवनारायण सिंह का कहना है
कि मामला आपके माध्यम से संज्ञान में आया है, जांच की जाएगी। इस मामले में
जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।
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